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गुजरात में भाजपा नेता के बेटे ने सरेआम लूटा बूथ, रोक जाने पर सुरक्षाकर्मियों से झड़प

 09 May 2024

गुजरात के वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद जसवंत सिंह भाभोर के बेटे विजय भाभोर ने परथमपुर गाँव के बूथ पर कब्ज़ा कर फर्जी वोटिंग की। जब सुरक्षाकर्मियों ने रोका तो उनके साथ बदसलूकी भी की गई है। विजय ने इस दौरान सोशल मीडिया पर बूथ कब्ज़े की लाइव स्ट्रीमिंग भी की। यह घटना 7 तारीख़ की है, जब देश में लोकसभा के तीसरे चरण का मतदान चल रहा था। इस घटना पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिक़ायत की है। पुलिस ने आरोपित और उसके एक साथी को हिरासत में लिया है। दाहोद की लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी जसवंत सिंह भाभोर और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. प्रभा बेन तावियाड के बीच चुनावी मुक़ाबला है।


 


कांग्रेस ने की शिक़ायत


लोकसभा चुनाव के तीन चरण ख़त्म हो चुके हैं, चुनाव के दौरान बूथ कब्ज़े की घटना कोई आम बात नहीं है। गुजरात में बूथ कब्ज़े की घटना ने वहां के प्रशासन और भाजपा को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। उसके बाद भी चुनाव आयोग का कहना है कि गुजरात की सभी 25 लोकसभा सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न हुए हैं।


कांग्रेस नेता और प्रत्याशी डॉ. प्रभाबेन तावियाड ने भाभोर के खिलाफ़ जिला कलेक्टर से शिक़ायत की है जो क्षेत्र के जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं। सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ़ आलोचनाओं को देखते हुए भाभोर ने वीडियो को सोशल मीडिया से हटा दिया  लेकिन लोगों ने भाभोर की वीडियो को जमकर शेयर किया । कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने बूथ कब्ज़े के कारण परथमपुर में बूथ संख्या 220 पर फिर से मतदान करने की मांग की है।



पुलिस ने क्या कहा


स्थानीय पुलिस एसपी जयदीप सिंह जाडेजा ने कहा- "हमने दो लोगों को हिरासत में लिया है और फर्जी मतदान के लिए लोक प्रतिनिधि अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।" उन्होंने कहा कि विजय भाभोर शाम 5.49 बजे वोट डालने के लिए मतदान केंद्र के अंदर गया और 5:54 बजे वहां से चला गया। उन पांच मिनटों में वो इंस्टाग्राम पर लाइव हुआ और फर्जी वोटिंग का सहारा लेते हुए कथित तौर पर दो अन्य मतदाताओं की ओर से वोट भी डाला।



चुनाव परिणामों को लेकर भाजपा चिंता में


तीसरे चरण के दौरान गुजरात में करीब 59.51 फ़ीसद मतदान हुआ है। यह राज्य में पिछले दो लोकसभा चुनावों में सबसे कम मतदान है। पिछले एक दशक से गुजरात में घटते मतदान फ़ीसद ने भाजपा और कांग्रेस की चिंताओं को भी बढ़ाया है। आंकड़ों के अनुसार 4.79 करोड़ पात्र मतदाताओं में से केवल 2.85 करोड़ व्यक्तियों ने ही मतदान किया है, जबकि 1.90 करोड़ मतदाताओं ने अपने मतदान का इस्तेमाल ही नहीं किया है।



क्यों हो रहा है मतदान कम


मतदान में गिरावट की कई वजहें बतायी जा रही हैं। जिसमें मुख्य रूप से जनता का मोहभंग होना है। इसके अलावा स्थानीय शिक़ायतों का न सुना जाना भी सबसे बड़ा कारण रहा है। गुजरात के अंदर बीते कुछ समय से जातीय समूहों के बीच एक असंतोष उभर कर सामने आया है। गुजरात में पटेल जैसे प्रभावशाली जाति समुदायों का चुनाव और भाजपा से बढ़ता मोहभंग भाजपा की चुनावी जीत को प्रभावित कर रहा है।


कुछ जगहों पर मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार भी किया है। जिनमें भरूच जिला का केसर गांव, सूरत जिला का सनाधारा और बनासकांठा जिला का भाखरी गाँव शामिल है।